आज तुमसे कुछ कहना था
जो हुआ वह कल था
आज के बारे में सोचो 
कितने थे हमने ख्वाब देखे 
दिल में ये छुपाए रखे
हुआ था जो दोनो के  भीतर था
शायद ये प्यार था
गलतियां तो सबकी होती रहती थी
अपने मक्सद के बारे में तो सोचना था
खोए थे सब जब चलते थे हम
खामोशी से रहना बस करो अब
जब हम हे साथ तो दर किस बात का था
कुछ कहना था तुमसे 
जो तुम नही जानते 
करते हे ईश्क तुमसे दुनिया से लड़ कर
आज तुमसे कुछ कहना था
क्या अभी तुमको शक हे
हमारी बातो पर 
दिल की बाते थी जुबा पर आई थी
बस भी करो अब तुम्हारा लड़ना 
और मेरा समझना 
हमारे भी कुछ वसूल थे 
वह तुम्हे काबुल न थे
आज तुमसे कुछ कहना था
परेशान हो गए हैं हि उप टूहम
रोज–रोज के वादों से
जो हुआ था वह भूल जाओ
नया दिन शुरुआत करते हे 
आज से पुरानी बाते छोड़ो 
कलके बारे में कुछ करते हैं