गंगा और शाम स्कूल में साथ साथ और एक ही class में पड़ते थे। शाम गंगा को 8वी class में था तबसे गंगा को पसंद करता था। लेकिन गंगा को ये मालूम नही था। अब दोनो 10वी class में पड़ते है। गंगा और शाम दोनो भी पढ़ाई में हुशियार थे ओर आप सब तो जानते ही हो की 10वी कितनी जाड़ा पढ़ाई होती है।
                    गंगा हर exam में  fast आती थी। एक दिन गंगा बीमार थी तब वो 10 /15 दिन स्कूल नही आई थी। और यहां शाम का बुरा हाल था उसे कुछ भी पता नहीं था की गंगा कीव स्कूल नही आरही है। उसने फिर गंगा की सहेली जो उसकी पड़ोसन भी थी उसका नाम राधा था। उसे जाकर पूछा
शाम :– राधा मुझे तुमसे बात करनी थी।
राधा :– हा बोलो
शाम :– गंगा स्कूल कीव नही अरही है।
राधा :– कीव ??? तुम कीव पूछ रहे हो??? तुमसे         क्या मतलब
शाम :– में तो ऐसे ही पूछ रहा था। बताव ना कीव नही  आई
राधा :– गंगा की तबेत कुछ ठीक नही है इसी लिए वो नही आई
शाम :– क्या हवा है उसे???
राधा :– मुझे नही पता में गंगा के घर नही गई तुम्हें तो पताही है की पढ़ाई कितनी है claas me पढ़ो फिर घर पे दी गई पढ़ाई इसे मुझे Time नही मिलता की में गंगा के घर जा सकू
शाम :– ( राधा की बात सुन कर शाम बोला) ठीक है और अपनी benc पर जा बैठा
             एक के बाद एक lecture होने के बाद 5 बजे स्कूल की छुट्टी हुई शाम अपने दोस्तो के साथ जा रहा था। लेकिन शाम को गंगा की बहुत याद आरही थी। लेकिन उसका दोस्त प्रशांत बोला
प्रशांत :– क्या हुआ शाम बहुत उदास दिख रहे हो??? कोई बात हो तो मुझे बताओ
शाम :– कोई बात नही है बस यूही
प्रशांत :– यूही कोई उदास नही होता मुझे पता है गंगा स्कूल नही आ रही इसी लिए तुम उदास हो मेने ठीक कहा ना
(शाम ने सिर्फ प्रशांत को ही बताया था की वह गंगा से प्यार करता है प्रशांत के सिवाय किसी दूसरे को यह बात नही मालूम )
शाम :– हा ठीक कहा (शाम ने चलते हुए कहा)
            शाम और प्रशांत अपने अपने घर चले जाते हे। 2–4 दिन बाद गंगा स्कूल अति हे। शाम ने ठंडी आह लेकर गंगा की तरफ देखा लेकिन गंगा ने शाम को egnor किया और अपने बेंच पर जाके बैठ गई
और राधा से notes ले कर अधूरी पढ़ाई पूरी करने लगी
             बोर्ड के paper agle महिने में थे इसी लिए गंगा को पढ़ाई में थोड़ा मुश्किले आ रही थी लेकिन गंगा तो top thi इसी लिए गंगा ने सारी पढ़ाई पूरी करके अब exam की तयारी में लगी थी सब बच्चे अपनी अपनी पढ़ाई में busy रहने लगे और शाम भी अच्छे से पढ़ाई कर रहा था
             Bord exams शुरु हुऐ गंगा, शाम, प्रशांत और राधा एक ही class में थे। चारो ने एक दूसरे की खूब मादत भी की ओर आजू बाजू के students की भी इसी दौरान गंगा और शाम एक दूसरे के नज़दीक आने लगे चोरी छुपे एक दूसरे को देखा करते थे।
                 गंगा और शाम की बढ़ती नजदीकी देख कर प्रशांत और राधा भी करीब आने लगे अब राधा भी शाम को पसंद करने लगी थी। Paper छूटने के बाद चारो साथ साथ घर जाते थे। (एक दिन अचानक प्रशांत रूक गया और राधा से बोला)
प्रशांत:– राधा मुझे तुमसे बात करनी है। (गंगा, राधा, शाम परेशान हो कर प्रशांत को देखने लगे)
राधा:– हा बोलो ना
प्रशांत:– में तुमसे प्यार करता हूं, क्या तुम मुझसे प्यार करती हो???
            (प्रशांत की बाते सुनकर गंगा और शाम के होश उड़ से गए और राधा आंखे बड़ी बड़ी करके प्रशांत को देखने लगी कुछ देर चुप रहकर )
राधा:– हा में भी तुमसे प्यार करती हूं, (ऐसा बोल कर शर्म से झुक गई )
               चारो अब चुप थे राधा और प्रशांत एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा के चल रहे थे। फिर राधा और गंगा अपने घर चली जाती है। (और शाम प्रशांत को कहता है)
शाम:– यहां पर मेरी setting करने के इलावा तुमने खुद की setting करदी  वा बच्चे बोहोत ही अच्छे
प्रशांत:– अरे बाबा नाराज मत हो तुम क्या लड़की हो??? ना जाने कब मुझे प्यार हुवा राधा से पताही नही चला
शाम:– में तेरे लिए खुश हूं अच्छा हुव जल्दी बता दिया नही तो मेरा देख लो
प्रशांत:– (हस्ते हुवे) चल घर आगया by
             दोनो अपने अपने घर चले जाते है। गंगा अपनी माँ को रसोड़े में मदद कर रही थी लेकिन शाम के बारे में सोच रही थी आज तक गंगा ने शाम के बारे में इतना कभी नहीं सोचाथा खाना बनें के बाद गंगा खाना खा के सो गई फिर 5 दिन बाद आखरी exma थी फिर से चारो साथ exam के लिए निकलते हे लेकिन class room आने तक आपस में कोई बात नही हुई
                3 घंटे बाद जब exam खतम होती है तब शाम और प्रशांत दोनो राधा और गंगा का इंतजार करते हे लेकिन राधा और गंगा अपनी दूसरी सहेली ओसे  बाते कर रही थी तभी राधा की नजर प्रशांत पर जा टिकी प्रशांत घुसेसे दोनो की ओर देख रहा था और शाम प्रशांत को हल्के मुस्कान से देख रहा था तभी राधा सब को बोली अच्छा by हम चलते हे काफी देर हो चुकी है गंगा भी राधा के पीछे पीछे चली जाती है
प्रशांत:– अरे वा बहुत जल्दी आ गई थोड़ी देर और रुक जाते था हमे कोई एतराज नहीं होता।
शाम :– चलो चलते है काफी देर हुई हे।
             (चारोमे फिर खामोशी छा जाती है सब को छुपी तोड़ने के लिए गंगा बोलती है)
गंगा :– अब exam तो खत हो गई आगे तुम सब क्या करने वाले हो माँ ने मुझे अब घर में ही रहने के लिए बोला हे तो में माँं के साथ खेत में जाने वाली हू शाम तुम्हारा खेत हमारे खेत से ही जुड़ा हे ना
शाम :– हा!!! तो क्या में  तुमसे मिलने खेत में आया  करूंगा (शरारत से बोलता हे)
गंगा :– (शर्माती है) नही ऐसी कोई बात नही हे
            ऐसा बोल कर राधा और गंगा घर चली जाती है और शाम मुस्कुराके दोनो को by बोलकर चला जाता है साथ में प्रशांत भी जाता है
                 अगले दिन सुबह 10 बजे थे लेकिन गंगा अभी तक सो रही थी राधा गंगा को जगा रही थी अभी तक सो रही हो कुछ शर्म ही क्या उठो जल्दी फिर भी गंगा नही उठती फिर राधा गंगा के कान में बोलती हे प्रशांत घर आया था उसने बोला हे तुम्हारे और शाम के खेत के बीच में जो कुवा है वहा हम दोनो को बुला या हे तभी गंगा अपनी आंखे खोलती है और नहाने चली जाती है।
                दोनो मिल कर नाश्ता कर के चली जाती है। गंगा के खेत में आधे भाग में मक्का और दूसरी ओर घर के लिए बेंदी, गवार, टोमाटो, धनिया, मेथी, शेपु और मिर्ची लगाई थी। राधा बोली
राधा :–  चलो आम के पेड़ के पास चलते है।
गंगा:– हा चलो चलो मुझे कच्चे आम तोड़ने हे
राधा :– बुहूत जल्दी हे गंगा जी आप को कच्चे आम खाने की
गंगा :– पागल हो कुछ भी बोली जा रही है बेवकूफ माँ ने आचार के लिए आम लाने को कहा है। पागल क्या तुम भूल गई माँ हर साल धूप के मोसम में आम का अचार बनाती है
राधा:– हा में जानती हूं। मजाक कर रही थी क्या जमाना आ गया है मजाक भी अब कर नही सकते हम।
गंगा:– बस कर अब नोटन की
राधा :– अच्छा ठीक है। माँ को बोलना मुझे भी अचार देने के लिए
             दोनो बाते करते करते आम के पेड़ के पास आ गई तभी वहा कुवे के पास प्रशांत और शाम बेठे थे। प्रशांत को देख कर राधा मन ही मन में मुस्कुरा कर शर्मा रही थी। और शाम गंगा को देख रहा था और गंगा का दिल जोर जोर से धड़क रहा था गंगा को ऐसा लग रहा था की अभी उसका दिल निकल के नीचे गिर जाए गा तभी  गंगा को खामोश देख कर प्रशांत :– बोलता हे क्या हुआ ऐसे कीव भूत बनकर खड़ी हो क्या तुम आना नही चाहती थी???
गंगा :– एसी कोई बात नही हे
प्रशांत :– मतलब आना चाहती थी
तभी राधा प्रशांत की बात काटते हुए कहती हे
राधा :– कीव मेरे दोस्त की टांग खींच रहे हो सुभेसे कोई मिला नही हमको आम चाइए जरा तुम दोनो तोड़ के दो
शाम :– आम कीव??? अभितक कच्चे आम हे
गंगा :– माँ को आचार बनाना हे इसी लिए कच्चे आम चाहिए
               सब की बातें खत्म होकर प्रशांत और शाम आम तोड़ने लगते हैं और राधा गंगा आम एक बड़ी सी थैली में समेठ ती हे थोड़े देर सब बाते करने लगते हे दुपहर का वक्त होता है तो चारो अपने अपने घर चले जाते हे इसी प्रकार हर  रोज चारो मिलने लगते हे एक दिन प्रशांत शाम को बोलता हे तुम जल्दी से जल्दी गंगा को अपने दिल की बात बता दो कही देर न हो जाए शाम सोचते सोचते बोलता है ठीक हे
              दो दिन बाद फिर से चारो मिलते हे आज घरसे प्रशांत और राधा साथ आते हे और शाम पहले से ही गन्ने को पानी छोड़ने के लिए आया था। और गंगा अकेली आई थी। चारो साथ बैठने वाले थे तभी प्रशांत :– राधा हम दोनो तुम्हारे खेत में जाते हे मामा जीने बोला हे आते वक्त सब्जी लेके आना
राधा :– गंगा तुम शाम के सात कुछ बात चीत करते बैठ में अभी अति हूं
गंगा :– ठीक हे लेकिन जल्दी आना
शाम :– हा हा ठीक है जल्दी आना में तुम्हारी सहेली को खाने वाला हु जल्दी आजाओ
          शाम की बात से राधा और प्रशांत हसने लगते हे और गंगा शर्मा कर मिट्टी में उंगलियां फिरा ने लगती है। राधा प्रशांत चले जाते हे और शाम गंगा अकेले खेत में थे
शाम :– में तुमसे प्यार करता हूं 
गंगा :– मुझे पता है।
शाम :– तो तुमने मुझसे  कीव कहा नही
गंगा :– में कैसे बोलती तुम लड़के हो तुमने मुझसे पहले बोलना चाहिए
शाम :– इसका मतलब तुम भी मुझसे ( पूरी बात कहने से पहले ही गंगा शर्मा कर दौड़ती चली जाती है आम के पेड़ के पीछे और शाम भी उसके पीछे चला जाता है)
         गंगा शर्मा के नजर झुकले खड़ी थी और शाम मुस्कुरा के गंगा को देख रहा था शाम फिर से गंगा को बोलता हे क्या तुम मुझसे प्यार करती हो गंगा हा में अपना सिर हिलाती है और वाहसे जाने लगती है तभी शाम गंगा का हात पकड़े अपनी ओर खींच ता है।
                  तभी वहा पर प्रशांत और राधा चली अति हे दोनो को ऐसे देख कर राधा बोलती हे
राधा :– प्रशांत चलो हम फिर से चले जाते हे
प्रशांत :– क्या तुमने अपनी बात बताई तुम क्या कर रहे थे मुझे बताओ जल्दी बताओ अरे बताओ ना
(गंगा शर्मा रही थी और राधा गुस्से से प्रशांत शाम को बोलने का मोका नही दोगे या मुझे बता ओ मुझे बता ओ करोगे और जोर से चिटी निकलती है और प्रशांत दर्द से जोर से चिलाता है तभी शाम बोलता हे )
शाम :– तुम दोनो झगड़ना बंद करोगे। मेने गंगा को अपनी दिल की बात बोली की में उसे प्यार करता हु और गंगा भी मुझसे प्यार करती है 
                 इस प्रकार गंगा और शाम मिल जाते हे और हर रोज खेत में मिला करते हे