ये दील दीवाना तेरे बिना
तड़प रहा है
 
जाने कहा खो गया है

इस दर्द - ऐ- दील
की हालत में क्या बयान करु

ख़ामोशी में दील की धड़कन
साफ साफ सुनाई देती है

तेरे बिना जिना अब मुश्किल 
हो गया है

में क्या करू अब तुही तो बता
दील बेचारा अब तड़प रहा है

जाने कीव लोग मिलते है
हमें परेशान करने के लिए 

दील तोड़ कर चले जाते है

जब जानहि था तो कीव 
आते हे जिंदगी में 

हमें तड़पा कर चले जाते है

ख़ामोशी ही ख़ामोशी छाई है
चारो तरफ

बस इसे बाहर निकलने का 
जरिया 

बताके तो जाते