में एक गृहिणी हूं गाँव का नाम आप - आपके हिसाब से कोनसा भी रखो मरी शादी बोहत जल्द बजी में हुइ थी मेरी शादी के दिन तक सब ठीक था लेकिन शादी के दिन से मुझे ससुराल में परेशानी है
                 में तो एक नई नवेली दुल्हन थी घर के लोग कैसे है उनका स्वाभाव कैसा है कुछ भी मालूम नहीं था ससुराल वालोंके रीती रिवाज़, खानेमें किसको क्या पसंद है कुछ भी मालूम नहीं था 
                मेरे पति बोहत सीधे साधे है किसीका बुरा कभी सोछते नहीं घर में सब मेरे पति को सामने अच्छा बोलते है लेकिन वो अगर काम पे चले जाने के बाद सास ससुर उनको गालिया देते है 
               मुझे भी बाते सुनाते है मेरे शादी को अब 5-6 साल हुवे है लेकिन आज भी मुझे ससुराल वालोंकी बाते सेहेन करनी पड़ती है कभी कभी ऐसा लगता है कि अपनी जान दे दू लेकिन में मेरे पति और मइके वलोसे बोहत प्यार करती हूं 
               मेने मेरे पति को बोहत बार समझाने की कोशिश की परंतु मेरे पाटीने मेरी कभी बात नहीं सुनी मेरी शादी होने के बाउजूद में कुमारी थी कीव की मेरी सास मेरे और मेरे पति के साथ सोती थी
                मेरे ससुर उनके bedroom में सोते थे हमारा घर बड़ा हे 2hk है फहिर भी हंम पति पत्नी हॉल में सोते थे और हमारे साथ सास भी ये सील सिला 4 साल चलता रहा मेरे पति अब शरीर से मेरे साथ और मन से कही दूर हो चुके थे 4 साल बाद हमें bedroom मिला लेकिन इस 4 साल में हम दोनों की एक अलग ही दुनिया हो गई है 
                 में रसोई में काम करने में व्यस्त रहने लगी और पति जी उनके काम में और time मिला तो mobile में chating करते है इन सब में - में बोहत अकेली महसूस करने लगी हूं 
                 अब तो सास,  ससुर, ननद की ताक्लिफहो  से में बोहोत परेशान हो गई हूं दिन भर में घर का काम करके थक जाती हूं पति की वक्त नहीं दे पाती लेकिन मेरे पति मुझसे बोहत बोहत प्यार करते है
                पति के लिए में सब तकलीफ़ उठाती हूं किवकी पति से मुझे कोई परेशानी नहीं है लेकिन मेरी सास मुझे बोहत गन्दी गन्दी गालिया देती है लेकिन में कुछ बोल नहीं पाती कीव की ससुराल वालोंके trochars से मुझे  Low BP  की तकलीफ हुई है
Dr. ने मुझे tensions लेने के लिए मना किया है
                   मेरे छुप्पी के कारण ससुराल वालोन की हिम्मत बढ़ गई है अब थोडा बोहत मेरे पति भी मेरी बाजु लेके बात करते है 
                   मेरी सास मुझे बांज कहती है मुझे बहुत दुःख होता है लेकिन मेरी हिम्मत नहीं होती उसको उलटा जवाब देनेकी 1-2 बार मेरी बेहेस हुई थी सास से लेकिन वो मुझे मारने के लीये झाड़ू लेके आई थी
                   पति को सारी बात बताने के बाद पति ने कहा मेरी माँ कभी ऐसा नहीं करेगी वह बोहत अछि है तुम कुछ भी मत बोला करो ऐसा बोल कर चले जाते है
                 फिर मेने एक दिन सास, ससुर और ननद की बाते सारी Mobile में recording की और पति को रात में सोने के वक्त में सुनाई तब मेरे पति ने मुझ पर भरोसा रखा
                फिर भी पति जी कहने लगे तुम ने मुझसे शादी की हे घर वलोसे नहीं उनकी बातोंको अनदेखा करलो मेने हा बोला लेकिन मन में सोछने लगी क्या मेरा जीवन अब ऐसाही होगा क्या में मारते दम तक तकलीफे सेहेत्ती रहूं 
               में अंदर से पूरी टुट्ठ चुकी हूं अगर मइके चली गई तो पति के खाने पीने के हाल होंगे में अब अपनी खोली में रहती हूं लेकिन सास और ननद मेरे दरवाजे में बिस्तर लगाके सोते है
               कुछ शर्म नाम की चीज नहीं है उनमें मुझे प्रायवेसी नहीं मिलती ना खाना खाने के लिए नाही सोने के लिए नाही  पाती के साथ बैठने बोलने के लिए में पागल सी हो गई हूं 
                  मुझे मेरे पति के साथ वक्त गुजरना हे पति के साथ दिल खुल के बात चित करनी है में एक  Tension free जीवन अपने पति के साथ गुजारना चाहति हूं पता नही मेेरे ये सपने पूरे होंगे या नहीं 
                   क्या में ये सपने देखते देखते मर जाउंगी??? शायद हा में मर जाउंगी में पूरी की पूरी और से अकेली गिर गई हूं मेरे पास फिलाल रोने और सोचने के सिवाय कुछ भी नहीं है 
                    मेरे पति के कारण में छुप बेठी हूं किव की वो अपने माँ बाप को छोड कर नहीं जाने वाले नाही अलग रहने वाले और में अपने पति से बोहत प्यार करती हूं में उनके सिवा नहीं रहे सक्ति मेरी यही कमजोरी है
                  और इस कमजोरी का फयदा मेरे ससुराल वाले उठाते है मेरा ससुराल मेरा घर बन्ने की जगह जेल बन गया है ना पड़ोसियोंसे बातचीत नहीं कोनसी सहेली नाही माँ से बात 
                    मुझे माँ की बोहत याद आती है साल में 2 बार मइके जाती हूं जाते वक्त खुश रहती हूं पर ससुराल लोठ ते वक्त ऐसा लगता है कि अपनी जान देदू मेरी माँ सबसे ज्यादा मेरी प्यारी माँ का रो रोके बुरा हाल होता है मेरी माँ हर घडी मेरे बारे में सोचती रहती है
                   मेरे जाने के बाद माँ भी अकेली हो जाती ये सील सिला न जाने कब तक चलेगा में अब कमजोर हो गई हूं मेरा जिना मुश्किल हुवा है किस जनम का पाप मुझे भुगतने को मिल रहा है नहीं मालूम
                   में टुट्ठ चुकी हूं में बोहत अकेली हो गई हूं मेरा ये अकेला पन मुझे निचोड़ निचोड़ कर खाने लगा है 
ये अकेला पन मेरी जिंदगी बन गई है