एक गर्भवती महिला को गर्भपात करने के इरादे से मारना, या कोई ऐसा कार्य जो जन्म से पहले या जन्म के तुरंत बाद भ्रूण को मार देता है, अधिकतम 10 साल तक की जेल की सजा काटता है।
            यदि कोई व्यक्ति गर्भवती महिला को मारता है या अपने अजन्मे बच्चे को घायल करता है, तो इसे एक 'गर्भधारण योग्य हत्या' माना जाता है। इसमें अधिकतम 10 साल की सजा होती है।          
            इस देश में पीढ़ियों से भ्रूण हत्या करते आये है। क्या स्त्री भ्रूण हत्या करना जरूरी है??? गर्भ में लड़की है। ऐसा समझते ही वे स्त्री के मरज़ी खिलाफ उसका गर्भ गिराया जाता है।
          वह लोग सोचते नहीं. कितनी तकलीफ़ होती है गर्भ गिराने मे. बेटी पैदा होना क्या गुनाह है??? हमारे देश मे रोज़ाना  Hospital में हजारों के उपर स्त्री भ्रूण हत्या की जाती है। क्या गुनाह होता है उन बच्चीयों का??? क्या उन्हें जीने का अधिकार नहीं ???
        भ्रूण हत्या एक गुनाह है। एक पाप है। कभी कभी ऐसा भी होता है भ्रूण की हत्या 2-3 बार किया तो फिर से गर्भ ठहरना मुश्किल होता है। बोहत सारे समस्या आती है। फिर भी लोग बेटे की लालच में भ्रूण की हत्या करते रहते है।
        आज कल कुवारी माता का प्रमाण बढ़ गया है। प्रेम करना सही बात है। किन्तु प्रेम कम ओर attraction जादा है। ओर precaution नहीं लेते pregnant हो जाती है। फिर जाकर गर्भ गिराते है। क्या यह सही है???
        हर स्त्री का सपना होता है कि वह माँ बने चाहे बेटा हो या बेटी उसे फरक नहीं  पड़ता लेकिन ससूराल वालों को लड़के की लालच मे गर्भ गिराते है।
         लेकिन भारत सरकार प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगा चुकी है। फिर भी लोग भ्रूण हत्या गुनाह करते है। लड़कियाँ लड़कों से कम नहीं है। आज कल लड़कियाँ माँ - बाप को संभालती है।
          भ्रूण हत्या के कारण देश भर में लड़कियों की संख्या कम होगइ है। हमें माँ, बेहन, बीवी चाहिए किन्तु बेटी नहीं. बेटीयों से घर, परिवार, में खुशीया आती है।  माँ- बाप की जिंदगी भर जाती है।
            परिवार पुरा करने के लिये बेटा - बेटी दोनों भी चाहिए क्योंकि बेटा हे तो घर मे बहू आएगी, ओर बेटी हे तो जमाई आएगा अपने घर/ परिवार मे  नये रिश्ते जोड़े जाते है।
          स्त्री भ्रूण हत्या/ गर्भ मे लिंग की जांच करना कानूनी जुल्म है। एक गुनाह है। यदि किसी महिला का एमटीपी अधिनियम की शर्तों के उल्लंघन या अन्य गर्भपात हुआ है, तो उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
             अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लैंसेट के शोध के अनुसार, भारत में 1980 से 2010 के बीच स्त्री रोग संबंधी परीक्षण में लड़कियों की उपस्थिति के कारण एक करोड़ से अधिक गर्भपात किए गए है।
            महिला को सूचित किए बिना गर्भपात करने पर आजीवन कारावास हो सकता है। एक गर्भवती महिला को गर्भपात करने के इरादे से मारना, या कोई ऐसा कार्य जो जन्म से पहले या जन्म के तुरंत बाद भ्रूण को मार देता है, अधिकतम 10 साल तक की जेल की सजा होती है।