जीवन में अब खामोशी छाई है।
हर तरफ दुर- दुर तक अंधेरा ही अंधेरा है।
रूठ कर मुझसे कोई अपना खो गया है।
यह जीवन मेरा अब मुरझा गया है।
क्या कहूं???
क्या सुनू???
कुछ समझ नहीं आता
अब बस गुमसुम रहती हूँ
मेरा साथी अब मेरा साया बन चुका है।
रंग जीवन का उड़ गया है।
आंखों की चमक निकल चुकी है।
आंसू अब सुख गए है।
में अकेली हो गई हूँ
मेरा साहारा में खुद बन गई हूँ
यह जीवन मेरा साया बन गया है।
अब साया बन गया है।
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