इस मिट्टी से बनी हूं में
मेरे अनेक रूप है
मेरे गर्भ में है
ज्वाला मुखी और समुंदर
की लहरे
में हूं धरती मां
मुझ पर ही बसा है
संसार सारा
ऊची ऊची इमारत
अच्छे अच्छे मकान
खूब सूरत बगीचे
किसानों की खेती
बच्चे मेरी मिट्टी में खेलते है
जहा पानी की कमी है
वहा इनसान मेरे गर्भ में
कुवा खोदता हे
में हूं धरती मां
अगर मुझे घुस्सा आए
एक साथ करदू
विनाश पृथ्वी का
वहा भूकम, लावरस, प्रलय
होगे साथ मेरे
कीव की में हूं धरती माता
अपनी मां जिस प्रकार
अपने बच्चो को
देती है शिक्षा
उसी प्रकार मेभी देती हूं शिक्षा
मां के ममता से बंधा है
परिवार सारा
उसी प्रकार
धरती से बंधा है
संसार सारा
कीव की में हूं धरती माता
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