नारी/ स्त्री कोन सी उम्र में सेफ है??? यह सवाल बोहत लोगों को परेशान करता है। जादा तौर पर middleclass family गांव में रहने वाले लोगों को चिंता का विषय है। क्या हमारी बेटी, बहु, बहन, माँ, पत्नी safe है??? आम तौर पर गांवमें बच्ची छोटी सी उम्र में ही उसका बाहर निकलना बंद कर दिया जाता है। उसकि शादी कर देते है। ताकि उसके साथ कुछ गलत ना हो. वह ठीक रहे सलामत रहे। इस लिये खेलने पढ़ने की उम्र में शादी कर दिया जाता है। आज कल लड़कियाँ school या college जाने लगी तो लड़के उन्हें छेड़ ते हे। Raging करते हैं। लेकिन वह सेहति हे, किसी को बताती नहीं परिवार के साथ बातचीत नहीं करती किव की वह डरती है। बताया तो पढ़ाई बंद हो जाएगी ऐसा सोचती है। लेकिन इनका डर उन्हें problems में ला सकता है। इस लिये परिवार में सब से बताना चाहिये उसके साथ क्या होता है। व्यभिचार लोगों को अगर ४ साल उम्र की लड़की मीले तोभी हवस भुजा ते है। यह घटना इस देश में हुई है। यह सत्य घटना है। कहते हुए बोहत दु:ख होता है। ४ साल कुछ भी उम्र नहीं है। उन दरींद्रो को ऐसास नहीं होता, अगर खुद की बेटी होती तो क्या वह ऐसा व्यभिचार करते??? किंव सोचते नहीं??? गांव में तो लड़कियों को बहुओं को बोहत सी बातें follow करनी पड़ती है। जैसे कि पराया आदमी घर आया तो उसके सामने जाना मना है। उनके घर के पति, भाई, पिता ओर बुजुर्ग ही चाय पानी देते है। घर की बेटी बहु नहीं देती , किस की नियत कैसी लगी यह मालूम नहीं होता है। आज कल लडकिया पैदा नहीं होने देते. इस लिये इन दरीद्रो के कारण हमारी देश की बेटियाँ सुरक्षित नहीं है। school या college में विशेष लड़कियों के लिये free में कराटे class compulsory रखने चाहिए ताकि वह अपनी खुद की रक्षा कर सके उन्हें आत्म विश्वास रखना चाहिए खुदपे कि वह खुद की सुरक्षा कर सकती है। हमारी रक्षा हमारी ताकत है। डरना नहीं हमें आगे चलकर मुकाबले करने है। हमारी सुरक्षा हमारे जीवन की जीत है।