माँ ठोड़ी देर रूको ना।
मेरे पास आके बैठो ना।
दिन भर काम करते-करते
थक जाती हो।
थोड़ा सा वक्त खुदके लिए
निकालोना
काम करते-करते
खुद का अस्तित्व भूल गई हो।
तुम एक स्त्री हो।
तुम्हें भी मन, भावना है।
खुद के लिये आराम करो
मन की बात खुलके बताओ ना
दिन भर काम करने से
तुम कंमजोर हो गई हो।
हंम बच्चे तुझे तंग करते है।
फिर भी कुछ नहीं बोलती हो
माँ तुम हंम सबसे बोहत प्यार
करती हो।
हंम से भी ज्यादा
इस लिये तुम माँ हो
बस थोड़ा वक्त
खुद के लिये निकालो ना
बस थोड़ा वक्त
खुद के लिये निकालो ना
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